
विस्तार
विनय की पत्नी हिमांशी ने परिजनों को फोन पर घटना की जानकारी दी। उन्होंने बताया, विनय ने दो आतंकियों को पकड़ लिया। दोनों को अपनी बाहों में कस लिया था। लेकिन, एक जोर लगाकर छूट गया। उसने ही विनय के सिर में गोली मार दी। आतंकी हमले के तुरंत बाद का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें हिमांशी मदद मांग रही हैं। लोगों से कह रही हैं कि गोली मार दी। उन्होंने (आतंकियों ने ) पहले नाम पूछा और फिर मजहब। इसके बाद गोली मार दी। हिमांशी बहुत परेशान नजर आ रही हैं। उनका एक फोटो भी वायरल हुआ। इसमें वह विनय के शव के पास बैठीं नजर आ रही हैं।

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देतीं पत्नी हिमांशी
विनय के परिवार के लोगों ने बताया कि हिमांशी ने घटना के कुछ देर बाद फोन किया था। उसने बताया था कि वे लोग पहलगाम में होटल से निकलकर कुछ दूर ही पहुंचे थे कि आतंकी आ गए। आतंकी सबका नाम और धर्म पूछ रहे थे। विनय उनके इरादे समझ गए। दो आतंकी उनके नजदीक आए। विनय ने उन्हें दबोच लिया। दोनों उनकी पकड़ से छूटने की कोशिश करते रहे। एक छूट गया। उसने ही विनय की हत्या की। उन दोनों आतंकियों ने और भी लोगों की जान ली।

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल को श्रद्धांजलि देतीं पत्नी हिमांशी
इस बातचीत के आधार पर विनय के दादा हवा सिंह ने बताया कि 21 अप्रैल को दोनों जम्मू-कश्मीर के लिए निकल गए थे ।पहलगाम में होटल में ठहरे हुए थे। 22 की दोपहर को खाना खाने के बाद घूमने के लिए गए थे। उसी दौरान रास्ते में आतंकी हमला हो गया। रास्ते में जिस समय यह हमला हुआ, उस समय वे कुछ खाने के लिए रुके थे। यह पल ही उनके पौते ही जिंदगी ले गया। विनय के चाचा सुरजीत नरवाल ने बताया कि हिमांशी ने कॉल करके जानकारी दी थी। उसने बताया कि विनय ने दो आतंकियों को पकड़ भी लिया था।

लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की फाइल फोटो
पलभर में मातम में बदल गईं खुशियां
हिमांशी ने परिजनों को बताया कि वे लोग होटल से घूमने के लिए निकले।पहलगाम की वादियों की सैर के दौरान एक जगह कुछ लोग नजर आए। वहां रुक गए। वहीं पर भेलपूरी खाने लगी। तभी आतंकी आ गए। किसी को कुछ समझ आता, इससे पहले ही आतंकियों ने हथियार निकाल लिए।सब लोग डर गए।आतंकी नाम और मजहब पूछकर गोली मारने लगे। उधर, परिवार के लोगों ने बताया कि एक मई को विनय का जन्मदिन होता है। उन्होंने सोचा था कि हनीमून से लौटने के बाद विनय के लिए एक बड़ी पार्टी रखी जाएगी। इसके लिए भी तैयारियां की जा रही थी। तीन मई को विनय को हिमांशी के साथ कोच्चि लौटना था। वहां उन्होंने गेस्ट हाउस भी बुक करा लिया था।

मदद की गुहार लगातीं हिमांशी (दाएं)
यह था मामला
22 अप्रैल, मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसा कर 26 लोगों की नृशंस हत्या कर दी। सेना की वर्दी में आए दहशतगर्दों ने पहलगाम की बायसरन घाटी में पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा, परिचय पत्र देखे और फिर हिंदू हो कहकर गोली मार दी। 26 मृतकों में ज्यादातर पर्यटक हैं, जबकि दो विदेशी और दो स्थानीय नागरिक शामिल हैं।